पुस्तकलन व लेखांकन की सम्पूर्ण जानकारी ( Complete knowledge of books and accounting )
( Complete knowledge of books and accounting )
पुस्त्कलन का अर्थ एवम परिभाषा
व्यवसाय से संबंधित आय अथवा लाभ व्यय अथवा हानि को सम्पतियो अथवा दायित्वों को अभिलेखन करने की क्रिया के रूप मे बहीखाता को परिभाषित किया जाता है!
यह दो शब्दों से मिलकर बना है पुस्त + पालन पुस्त का अर्थ है पुस्तक से अथवा पालन का अर्थ है रखने से
अर्थात पुस्तक को रख लेना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उसमे व्यापारिक वय्व्हारो का लेखा करना भी आवश्यक हैदूसरे शब्दों मे निश्चीत पुस्तकों व्यवसाय से संबंधित आय था लाभ व्यय हानि सम्पति अथवा दायित्व के अभिलेखन करने की प्रक्रिया के रूप मे बही खाता को प्रकाशित किया जाता है
दोहरी लेखा प्रडाली का अविष्कार इटली के व्युकस पेसोओंली ने किया था पुस्तपालन व्यापारी के लेन देन का
लेखा होता है जो मौद्रिक इकाई के रूप मे किया जाता है
Institut of Charted Accounted की स्थापना 1949 मे किया गया पुत्पालन का कार्य जहा पर समाप्त होता है
वहासे लेखांकन का कार्य शुरू होता हैलेखांकन एक विज्ञान भी हैऔर कला भी है पृथक अस्तित्व अवधारणा व्यवसाय का लेनदार माना जाता है रेखांकन सिद्धांत व्यापक सृक्क्त्योके अनुसार बनाया जाता है सम्पतियो मे दाइत्व पर अधिकार पूंजी कहलाता हैं!
पुस्तपालन की विशेषताएं
- (१) पुस्तपालन एक विज्ञान है क्योंकि यह व्यवस्थित ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है। यह अच्छी तरह से परिभाषित सिद्धांतों के एक सेट पर आधारित है, जिसका हर समय पालन किया जाता है ताकि एक विशेष तरीके से लेनदेन रिकॉर्ड करने के कारण पूरी तरह से समझा जा सके।
- (२) पुस्तपालन एक कला है क्योंकि यह एक ऐसी व्यवस्था से संबंधित है जिसकी प्रथाओं के अनुसार व्यापार लेनदेन को रिकॉर्ड करने में मानव कौशल और क्षमता महत्व रखती है।
- (३) धन पर विचार (Money Consideration) : इसका मतलब है कि सभी लेनदेन की रिकॉर्डिंग धन के संदर्भ में व्यक्त की जा सकती है। यह परिभाषा लेखा के निम्नलिखित तीन पहलुओं को आगे बढ़ाती है-
- (क) विश्लेषण: यह किसी समयावधि के दौरान किए गए विभिन्न खर्चों की पहचान करता है।
- (ख) वर्गीकरण: यह एक आम समूह में व्यय के समानताएं के समूह को प्रस्तुत करता है।
- (ग) रिकॉर्डिंग: यह मूल पुस्तकों में लेनदेन दर्ज करने और बाद में उन्हें एक अन्य सेट बुक में पोस्ट करने के लिए किया जाता है, जिसे खाता बही के नाम से जाना जाता है।
लेखांकन की परिभाषा
लेख एवं अंकन दो शब्दों के मेल से वने लेखांकन में लेख से मतलब लिखने से होता है तथा अंकन से मतलब अंकों से होता है । किसी घटना क्रम को अंकों में लिखे जाने को लेखांकन (Accounting) कहा जाता है ।
किसी खास उदेश्य को हासिल करने के लिए घटित घटनाओं को अंकों में लिखे जाने के क्रिया को लेखांकन कहा जाता है । यहाँ घटनाओं से मतलब उस समस्त क्रियाओं से होता है जिसमे रुपय का आदान-प्रदान होता है ।
सरल शब्दों में लेखांकन का आशय वित्तीय लेन देनों को क्रमबद्व रूप में लेखाबद्व करने, उनका वर्गीकरण करने, सारांश तैयार करने एवं उनको इस प्रकार प्रस्तुत करने से है, जिससे उनका विश्लेषण व निर्वचन हो सके। लेखांकन में सारांश का अर्थ तलपट बनाने से है और विश्लेषण व निर्वचन का आधार अन्तिम खाते होते है, जिनके अन्र्तगत व्यापार खाता, लाभ-हानि खाता तथा चिटटा/स्थिति विवरण या तुलन पत्र तैयार किये जाते है।
लेखांकन के प्रारंभिक क्रियाओं में निम्नलिखित तीन को शामिल किया जाता है :
- अभिलेखन (Recording) :लेन-देन को पहली बार वही में लिखे जाने के क्रिया को अभिलेखन कहा जाता है । अभिलेखन को रोजनामचा कहते हैं अर्थात Journal भी काहा जाता है ।
- वर्गीकरण (Classification) :अभिलेखित मदों को अलग-अलग भागो में विभाजित कर लिखे जाने के क्रिया को वर्गीकरण कहा जाता है । वर्गीकरण को खाता (Ledger) भी कहते हैं ।
- संक्षेपण (Summarising) :वर्गीकृत मदो को एक जगह लिखे जाने के क्रिया को संक्षेपण कहा जाता है । संक्षेपण को परीक्षासूची (Trial balance) भी कहते हैं ।
आधुनिक युग में व्यवसाय के आकर में वृद्धि के साथ-साथ व्यवसाय की जटिलताओं में भी वृद्धि हुई है। व्यवसाय का संबंध अनेक ग्राहकों, आपूर्तिकर्ताओं तथा कर्मचारियों से रहता है और इसलिए व्यावसायिक जगत में सैकड़ों, हजारों या लाखों लेन-देन हुआ करते हैं। सभी लेन-देन हुआ करते हैं। सभी लेन-देनों को मैखिक रूप से याद रखना कठिन व असम्भव है। हम व्यवसाय का लाभ जानना चाहते हैं और यह भी जानना चाहते हैं कि उसकी सम्पत्तियाँ कितनी हैं, उसकी देनदारियाँ या देयताएँ कितनी हैं, उसकी पूँजी कितनी है आदि-आदि। इन समस्त बातों की जानकारी के लिए लेखांकन की आवश्यकता पड़ती है!
लेखांकन की विशेषताए ( Chrecterstik of Accounting )
- लेखांकन की निम्न विशेषताए है लेखांकन एक विज्ञान है यद्यपि व्यहवार रूप मे उनका प्रयोग एक कला के रूप मे है!
- इस वीधी मे केवल व्यावसायिक संख्याओ के व्यावहार ही नहीं लिखे जाते बल्कि इसमे व्यक्तियों राज्य व्यावसायिक संख्याओ अदि के हीसाब रखने की व्यवस्था है!
- लेखांकन के लेन-देन पूर्ण रूप से वितीय प्रकृति के होते है!
- लेखांकन व्यवसाय की परिभाषा हैं क्युकी इसके द्वारा व्यवसाय से सम्बन्धित वितीय एवम अन्य सुचनाए उन वर्गों को प्रदान की जाती है जिन्हें इनके आधार पर परिणाम निकलना या निर्दय देना हैं
- लेखांकन सरांस लिखने एवम निर्वाचन करने की कला है!
Comments
Post a Comment